एक छोटे से गाँव में रहने वाला लड़का विक्रम था। वह बहुत ही संजीव और खुशमिज़ाज बच्चा था, जो हमेशा अपने मित्रों के साथ खेलता और हंसता-खेलता था। उसकी ज़िंदगी में खुशियाँ और खेल ही सब कुछ था।

लेकिन एक दिन, एक अप्रत्याशित घटना ने उसकी ज़िंदगी को उलट दिया। उसके पिता का अचानक मौत हो गई। यह खबर सबको अचानक ही अफ़सोस की गहराई में डाल गई। विक्रम भी उस समय बहुत दुखी था। उसका पिता ही तो उसकी सहारा थे, जिनके बिना उसकी ज़िंदगी अधूरी सी लगने लगी थी।

विक्रम को उस दुखद समय में अपनी माँ के साथ गुज़ारा करना पड़ा। वह दिन-रात अपनी माँ के साथ रोता और उनके साथ ही दुःख साझा करता। उसकी माँ भी उसके दुख को समझती और उसे संबोधित करने की कोशिश करती, लेकिन विक्रम का दुख थोड़ा सा भी कम नहीं होता था।

धीरे-धीरे समय बीतता गया, लेकिन विक्रम का दुख कभी कम नहीं हुआ। वह अपने पिता की यादों में खोया रहा, और उसके चेहरे पर सच्ची खुशियाँ वापस नहीं आईं। उसने अपने दोस्तों से भी दूरी बढ़ा ली, और उसकी माँ भी देखती थी कि उसका बेटा खुश नहीं है।

फिर एक दिन, उसकी माँ ने उससे कहा, "बेटा, हमारा जीवन कठिनाइयों से भरा होता है, लेकिन हमें हार नहीं मानना चाहिए। तुम्हारे पिता की यादों को सम्मान दो, लेकिन उनकी मौत से अपने जीवन को पूरी तरह से बर्बाद नहीं करो।"

उस दिन से विक्रम ने अपनी ज़िंदगी में प्रकाश को देखना शुरू किया। उसने अपने पिता की मान्यता को जिवंत रखा, और अपने दोस्तों के साथ फिर से खेलने और हंसने लगा। उसने अपने दुख को अपने दिल में छिपा लिया और अपने जीवन को पुनः जीने का फ़ैसला किया।

विक्रम ने समझ लिया कि ज़िंदगी में दुख और मुश्किलें हमेशा आती-जाती रहती हैं, लेकिन हमें उनका सामना करना सीखना होता है। विक्रम ने अपनी माँ के उपदेशों को माना, और अपनी ज़िंदगी को एक नई दिशा में मोड़ दिया। उसने अपने दिल के साथ दूसरों की मदद करना शुरू किया और अपने पिता की स्मृति को जिंदा रखने का प्रयास किया।

धीरे-धीरे, विक्रम का दुख कम होता गया और उसका जीवन फिर से उजाले में आने लगा। उसने जीवन की हर चुनौती का सामना किया और अपने सपनों को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध रहा।

विक्रम की इस कहानी हमें यह सिखाती है कि जीवन में हार-जीत, सुख-दुःख सभी का नाटक है। हमें हमेशा सकारात्मक रहकर समस्याओं का सामना करना चाहिए और अपने सपनों को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध रहना चाहिए। जिंदगी के हर अच्छे-बुरे पल को आनंद से स्वीकार करना हमारे जीवन को और भी सुंदर बनाता है।